Pedagogy (शिक्षाशास्त्र) का मतलब होता है की आप किस तरह से बच्चो को पढ़ा रहे है तथा आप बच्चो की जरूरत को समझते हुए पढ़ाने का कौन सा तरीका उपयोग करते है जिससे बच्चो को कोई भी टॉपिक को अच्छे से समझाया जा सके।
Pedagogy (शिक्षाशास्त्र) क्या है?
Pedagogy को हिंदी में शिक्षाशास्त्र या शिक्षा-विज्ञान कहा जाता है बच्चो को पढ़ाने या ट्रेनिंग देने की कला को Pedagogy (शिक्षाशास्त्र) कहा जाता है।
या हम ऐसा भी कह सकते है की बच्चों को कैसे पढ़ाया जाये ,पढ़ाने के तरीके को Pedagogy (शिक्षाशास्त्र) बोला जाता हैं।
शिक्षाशास्त्र को एक महत्वपूर्ण पेशे के रूप में मान्यता प्राप्त है।
Pedagogy (शिक्षाशास्त्र) के मुख्य भाग
Pedagogy (शिक्षाशास्त्र) में तीन मुख्य चीजें मायने रखते है –
- शिक्षण विधि (Teaching Styles)
- शिक्षण सिद्धांत (Teaching Theory)
- मूल्यांकन और फीडबैक (Assessment And Feedback)
शिक्षण विधि (Teaching Styles)
किसी भी विषय को समझाने के लिए एक अध्यापक कब कौन सा तरीका यूज़ करे यह बहुत महत्वपूर्ण होता है उसे खुद से यह सोचना है की किस चैप्टर के लिए ,किस विषय के लिए या किसी पर्टिकुलर टॉपिक के लिए कौन सा तरीका अपनाया जाए जिससे बच्चों को वह विषय अच्छी तरीके से समझ में आए।
शिक्षण विधि (Teaching Styles) का रोल शिक्षाशास्त्र में बहुत जरुरी होता है।
शिक्षण सिद्धांत (Teaching Theory)
जब हमें एक अध्यापक बनने की ट्रेनिंग तथा पढ़ाई कराई जाती है तब हमें बहुत सारे शिक्षण सिद्धांत सिखाये जाते है जिनका उपयोग बच्चो को आसानी पूर्वक किसी टॉपिक को समझाने में किया जाता है।
मूल्यांकन और फीडबैक (Assessment And Feedback)
समय समय पर बच्चों का मूल्यांकन बहुत जरुरी होता है।
शिक्षण के 5 दृष्टिकोण क्या हैं?
- रचनावादी दृष्टिकोण
- सहयोगात्मक दृष्टिकोण
- चिंतनशील दृष्टिकोण
- एकीकृत दृष्टिकोण
- पूछताछ-आधारित दृष्टिकोण
Pedagogy (शिक्षाशास्त्र) का दूसरा शब्द क्या है?
- शिक्षा-विज्ञान
- शिक्षणशास्त्र
- अध्यापन-शास्त्र
- अध्यापन विज्ञान
FAQ
शिक्षाशास्त्र के जनक कौन है?
हेनरिक पेस्टलोजी
शिक्षा शास्त्र को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?
शिक्षाशास्त्र को अंग्रेजी में पेडागोजी(Pedagogy) कहा जाता है।
कौन सी शिक्षाशास्त्र सबसे अच्छी है?
चिंतनशील शिक्षाशास्त्र को अच्छा माना जाता है इसमें बच्चों को सोचने पर जोर दिया जाता है जिससे बच्चे किसी भी टॉपिक के बारे में खुद सोचे और उसको समझने की कोशिश करे इससे बच्चों में सोचने की क्षमता बढ़ेगी।